गुप्त नवरात्रि में कामाख्या साधना

 

कामाख्या साधना की विधि:

  1. संकल्प और शुद्धि:

    • साधना प्रारंभ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • पवित्र स्थान पर बैठकर देवी का ध्यान करें और साधना के सफल होने का संकल्प लें।
  2. पूजा सामग्री:

    • लाल पुष्प, चंदन, कपूर, नारियल, सिंदूर, कमल गट्टा, काले तिल, दूध, शहद, और मिठाई।

    • कामाख्या देवी का चित्र या यंत्र (यदि उपलब्ध हो)।
    • पांच दीपक जलाकर पंचदीप आराधना करें।
  3. मंत्र जाप:
    गुप्त नवरात्रि में प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र का 11, 21, या 108 माला जाप करें—

    • “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कामाख्ये ऐं ह्रीं क्लीं नमः।”
    • जाप के लिए लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
  4. हवन अनुष्ठान:

    • नवमी तिथि को विशेष हवन करें।
    • हवन में काले तिल, शहद, घी और जौ अर्पित करें।
    • “कामाख्या देवी” का ध्यान करते हुए 108 बार मंत्र का उच्चारण करें।
  5. एकांत साधना:

    • गुप्त नवरात्रि में साधना एकांत और शांत स्थान पर करें।
    • रात्रि के समय देवी का विशेष ध्यान करें और ध्यानावस्था में उनके आशीर्वाद की अनुभूति करें।
  6. भोग अर्पण:

    • देवी को विशेष रूप से मिष्ठान्न, नारियल, और सिंदूर का भोग अर्पित करें।
    • मां को लाल रंग का वस्त्र चढ़ाएं।
  7. साधना काल के नियम:

    • ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक आहार लें।
    • असत्य, निंदा और क्रोध से बचें।
    • पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी की आराधना करें।

कामाख्या साधना के लाभ:

  1. मनोकामनाओं की पूर्ति और सिद्धि प्राप्ति।
  2. तंत्र साधना में सफलता और रक्षा।
  3. शत्रु नाश और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव।
  4. धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि।
  5. आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शक्ति का जागरण।

महत्वपूर्ण टिप्स:

  • साधना के दौरान मौन रहकर ध्यान केंद्रित करें।
  • साधना को पूर्ण श्रद्धा और समर्पण भाव से करें।
  • गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त करना लाभदायक रहेगा।

                                         “कामाख्या देवी की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।”
                                                                         जय माता दी!

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