कामाख्या साधना की विधि:
संकल्प और शुद्धि:
- साधना प्रारंभ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पवित्र स्थान पर बैठकर देवी का ध्यान करें और साधना के सफल होने का संकल्प लें।
पूजा सामग्री:
मंत्र जाप:
गुप्त नवरात्रि में प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र का 11, 21, या 108 माला जाप करें—- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कामाख्ये ऐं ह्रीं क्लीं नमः।”
- जाप के लिए लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
हवन अनुष्ठान:
- नवमी तिथि को विशेष हवन करें।
- हवन में काले तिल, शहद, घी और जौ अर्पित करें।
- “कामाख्या देवी” का ध्यान करते हुए 108 बार मंत्र का उच्चारण करें।
एकांत साधना:
- गुप्त नवरात्रि में साधना एकांत और शांत स्थान पर करें।
- रात्रि के समय देवी का विशेष ध्यान करें और ध्यानावस्था में उनके आशीर्वाद की अनुभूति करें।
भोग अर्पण:
- देवी को विशेष रूप से मिष्ठान्न, नारियल, और सिंदूर का भोग अर्पित करें।
- मां को लाल रंग का वस्त्र चढ़ाएं।
साधना काल के नियम:
- ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक आहार लें।
- असत्य, निंदा और क्रोध से बचें।
- पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी की आराधना करें।
कामाख्या साधना के लाभ:
- मनोकामनाओं की पूर्ति और सिद्धि प्राप्ति।
- तंत्र साधना में सफलता और रक्षा।
- शत्रु नाश और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव।
- धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि।
- आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शक्ति का जागरण।
महत्वपूर्ण टिप्स:
- साधना के दौरान मौन रहकर ध्यान केंद्रित करें।
- साधना को पूर्ण श्रद्धा और समर्पण भाव से करें।
- गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त करना लाभदायक रहेगा।
“कामाख्या देवी की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।”
जय माता दी!

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